शिक्षण संस्थानों में बंद की गई छात्रवृत्ति पुन: चालू हो : कारी मोहम्मद इसहाक

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राजस्थान में अल्पसंख्यक समुदाय के वर्षों से पिछड़े एवं निर्धन तबके के प्रतिभावान, मेधावी, बालिका एवं बालक जो उच्च शिक्षा जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, विज्ञान, ला आदि में मेरिट के आधार पर चयनित होकर उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थानों में अध्यनरत है उनको भारत सरकार द्वारा एवं राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा प्रदत छात्रवृत्ति, मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति प्रोत्साहन योजना, स्टूडेंट लक्ष्य 601 प्लस 601 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलती थी। अब भारत सरकार ने तथा राजस्थान सरकार ने जांच समीक्षा की आड़ में ठण्डे बस्ते में डालकर छात्रवृत्ति 2023से बंद कर रखी है।

इसी तरह भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को दी जाने वाली पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति तो पिछले तीन साल से जांच के बहाने से बंद कर रखी है जबकि राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह घोषणा कर रखी थी कि भारत सरकार की छात्रवृति के बाद शेष सभी पात्र अल्पसंख्यक समुदाय के पात्र विद्यार्थियों को राज्य सरकार की तरफ से छात्रवृति देगें।अफसोस इस बात का है कि अल्पसंख्यक समुदाय जैसे, मुस्लिम, सिख ,जैन, ईसाई, पारसी ,बौद्ध के निर्वाचित जनप्रतिनिधि  एम एल ए राजस्थान विधानसभा में राज्य में पिछड़े गरीब परिवारो प्रतिभावान स्टूडेंट की बंद की गई छात्रवृत्ति के बारे में गरीबों के हक की मांग को मजबूती से रखने में असमर्थ रहे हैं, यानी प्रयास नहीं कर रहे हैं। 

यह भी कटु सत्य है कि अशोक गहलोत जी, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, शांति धारीवाल, प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली जैसे राजस्थान मैं कांग्रेस के कद्दावर नेता जो विधानसभा चुनाव में उनके जीतने में अल्पसंख्यक समुदाय के वोटो की निर्णायक भूमिका रहती है। फिर भी गरीब स्टूडेंट की बंद छात्रवृत्ति के बारे में विधानसभा में नहीं बोलना, यह जरूरतमंद निर्धन परिवारों के गरीब अध्यनरत स्टूडेंट के साथ यह अनदेखी है। समाज के अधिकारीगणो, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सक्षम अमीर व्यक्तियों, समाज  के जागरूक लोगों को हमारे जनप्रतिनिधियों पर दबाव डालना चाहिए ताकि गरीबों के होनहार विद्यार्थियों के अध्यनरत उच्च शिक्षण संस्थानों में बंद की गई छात्रवृत्ति पुन: चालू हो सके।

लेखक : कारी मोहम्मद इसहाक

जयपुर, (राजस्थान)