आबादी क्षेत्र में पानी की निकासी की जिम्मेदारी स्थानीय नगर परिषद की है लेकिन नगर परिषद इतना लापरवाह है की उसे शहर की ना तो साफ सफाई की चिंता है और ना ही आने वाली बरसात के पहले नगर के बड़े-बड़े नालों की सफाई करवाने की परवाह है ताकि पानी की निकासी सहज रूप से हो सके और गंदा पानी सड़कों पर नहीं आए लेकिन नालिया पॉलिथीन व कचरे से भरी रहती है तो जरा सी बरसात होने पर नालियों का पानी सड़क पर फैलने लगता है व शहर गंदा हो जाता है सड़केकीचड़ व कचरे से भर जाती है और बारिश रुकने के बाद शहर की आबादी को आने जाने में परेशानी होती है कई बार तो कीचड़ में फिसलने से दुर्घटनाएं भी हो जाती है। लेकिन नगर परिषद को इसकी कोई परवाह नहीं है उन्हें सिर्फ अपने वेतन से मतलब होता है जबकि सरकार इन स्थाई निकायों को आबादी क्षेत्र में साफ सफाई व पानी की निकासी के लिएसमुचित व्यवस्था बनाए रखने के लिएलाखों रुपए का भुगतान करती है। लेकिन सारी प्रशासनिक व्यवस्थाओं में ऐसा ही भ्रष्टाचार फैला हुआ है और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़