उदयपुर चाकूबाजी मामला :
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जयपुर। गत 16 अगस्त को 10वीं कक्षा के दो छात्रों के बीच हुए झगड़े में एक छात्र द्वारा दूसरे को चाक़ू मार कर घायल कर दिया गया, जिसकी 19 अगस्त 2024 को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) के प्रदेशाध्यक्ष सैयद सआदत अली एडवोकेट ने घायल छात्र की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए प्रदेशवासियों से शान्ति एवं व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।
एपीसीआर के प्रदेश महासचिव ने बताया कि संगठन की ओर से सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को ‘पत्र-याचिका’ भेज कर, उक्त दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हुई हिंसा एवं आगज़नी की घटनाओं तथा कुछ संगठनों द्वारा मामले को साम्प्रदायिक रंग दिये जाने के मामले में त्वरित हस्तक्षेप की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने आरोपी नाबालिग छात्र को गिरफ़्तार कर लिया है, लेकिन साथ ही बिना किसी स्पष्ट कारण के उसके पिता, सलीम शेख़ को भी हिरासत में लिया गया और उनके किराए के घर को भी ध्वस्त कर दिया गया, जिससे उसमें रह रहे दो परिवार बेघर हो गए हैं, जिनका कोई दोष नहीं था। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि उपरोक्त बस्ती में 200 से अधिक घर हैं, परन्तु केवल इसी एक घर को अवैध निर्माण बता कर तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की यह कार्रवाई साम्प्रदायिक विद्वेष से प्रेरित लगती है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के की गई यह कार्रवाई कहीं अन्य प्रदेशों की तरह राजस्थान में भी संवैधानिक न्याय का स्थान “बुलडोज़र न्याय“ न लेले।
याचिका में प्रमुख रूप से, उपद्रव फैलाने वालों से सख़्ती से निपटने, आरोपी छात्र के पिता सलीम शेख़ को तत्काल रिहा करने, बेघर हुए परिवारों के लिए स्थायी आवास की व्यवस्था होने तक अस्थायी आश्रय की व्यवस्था, अवैध रूप से घर को तोड़ने वाले अधिकारियों के विरुद्ध न्याय संगत कार्रवाई, सम्पूर्ण मामले की माननीय न्यायालय की निगरानी तथा सार्वजनिक हित और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मामले की खुली अदालत में सुनवाई का अनुरोध किया गया है।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि पीड़ित छात्र को पूरा न्याय मिलना चाहिये परन्तु वहीं आरोपी छात्र के मानव अधिकारों का भी हनन नहीं होना चाहिये। यहाँ जानकारी प्रदेश महासचिव एपीसीआर राजस्थान मुज़म्मिल रिज़वी ने प्रेसनोट में दी।