वर्ल्ड टीवी प्रीमियर से पहले राजकुमार राव ने साझा किए शूटिंग अनुभव

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मुंबई। राजकुमार राव ने श्रीकांत बोल्ला की प्रेरक कहानी को जीवंत बना दिया। श्रीकांत बोल्ला वह मिसाल हैं, जिन्होंने विभिन्न चुनौतियों को पार करते हुए कई मिलियन डॉलर की कंपनी बोलैंट इंडस्ट्रीज़ की स्थापना की ।

सोनी मैक्स पर जल्द ही 'श्रीकांत' का प्रीमियर होने जा रहा है। ऐसे में, राजकुमार को असली श्रीकांत के साथ अपनी पहली मुलाकात का समय याद आ गया, क्योंकि श्रीकांत से उन्हें जो अनुभव मिला है, वह इस कहानी से भी अधिक प्रभावी है। राजकुमार बताते हैं, ''श्रीकांत से मुलाकात बहुत प्रेरणादायक थी। उनकी बुद्धि, आत्मविश्वास और सफल होने की प्रबल इच्छा के बारे में जितनी बात की जाए, कम ही होगी। आप जब भी उनसे मिलेंगे, कोई न कोई प्रेरणा लेकर ही वापस आएँगे। उन्होंने बहुत कम समय में बहुत कुछ हासिल किया है, और सबसे खास बात यह है कि वे कभी-भी अपना जुनून कम नहीं होने देते हैं।"

श्रीकांत का किरदार निभाना काफी चुनौतीपूर्ण था, यहाँ तक कि राजकुमार जैसे अभिनेता के लिए भी। भूमिका में भीतर तक उतरने के लिए शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से मजबूत होने की भी जरुरत थी। राजकुमार बताते हैं, "मैं सिर्फ किरदार निभाना नहीं चाहता था, बल्कि मैं उसे समझना चाहता था। इसकी बारीकी को समझने के लिए मैंने श्रीकांत के साथ घंटों बिताए और उनके जीवन और चुनौतियों के बारे में जानने की कोशिश की। सेट पर, मेरी पुरजोर कोशिश होती थी कि मैं किरदार में ही रहूँ, फिर भले ही इसके लिए मुझे ने लोगों से मार्गदर्शन की जरुरत ही क्यों न पड़े। कुल मिलाकर, यह भूमिका उनके अनुभवों को भीतर तक महसूस करने के बारे थी।"

राजकुमार के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थी श्रीकांत को ब्लाइंड क्रिकेट खेलते हुए चित्रित करना। वे बताते हैं, "मैंने कई बार क्रिकेट खेला है, लेकिन मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ब्लाइंड क्रिकेट कितना अलग होता होगा। इसके लिए मुझे आँखों पर पट्टी बाँधना थी, और सिर्फ आवाज़ पर भरोसा करते हुए गेंद को हिट करना था। अपने पहले प्रयास में, मैंने बेट को इतना अधिक घुमा दिया कि मैं आउट हो गया, जिसकी वजह से मेरी पसली में हेयरलाइन फ्रैक्चर हो गया।"

श्रीकांत का निर्देशन तुषार हीरानंदानी ने किया है, जिसमें ज्योतिका सरवनन, अलाया एफ और शरद केलकर जैसे कलाकार अभिनय कर रहे हैं। राजकुमार ने इस किरदार के लिए खूब मेहनत की और दमदार परफॉर्मेंस दी है। इस प्रकार, यह फिल्म जुनून, महत्वाकांक्षा और सफलता का जश्न मनाती है और बताती है कि असंभव कुछ भी नहीं।