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मनोहरपुर (जयपुर)। सीकर की सिंहासन गोशाला में गौसेवा की गई। ये गौसेवा राजरानी आर्य की श्राद्ध तिथि पे की गई । गोशाला में गायों को हरा चारा और गुड़ खिलाया गया। महिमा राठौड़ में बताया की राजरानी आर्य एक धार्मिक प्रवत्ति की महिला थी उनका गौसेवा में अटूट विश्वास था। उनका मानना था की गौसेवा भारतीय समाज में व्यापक रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। गौमाता की सेवा करने का कार्य धार्मिक और सामाजिक दायित्व माना जाता है। गौसेवा एक आदर्श का प्रतीक है जो मानवता, न्याय, और दया के सिद्धांतों को बढ़ावा देता है। इसके माध्यम से सामाजिक समरसता बढ़ती है और समुदाय के सदस्यों के बीच सौहार्द एवं गौरव की भावना विकसित होती है। महिमा राठौड़ के साथ संध्या अवस्थी पिंकी जांगिड़ भारत सेठी साधना सेठी उपस्थित रहे।