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जयपुर। आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद फजलूर्रहीम ने अपनी क़ानूनी सलाहकारों के साथ आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने ऊपर डॉ किरोडी लाल मीणा द्वारा भारतीय जनता पार्टी राजस्थान जयपुर के कार्यालय में 30.09.2024 प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर लगाए तमाम आरोपों को गलत, कोर्ट मैटर से सम्बंधित एवं प्रतिशोधात्मक बताते हुए उन्हें बेबुनियाद बताया है।
जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद फजलूर्रहीम के हस्ताक्षर शुदा पत्र को उनके वकील ने पढ़कर एवं मीडिया को समझाते हुए कहा कि हम मंत्री जी से मिलकर उनको भी इस बारे में जानकारी देंगे। कॉन्फ्रेंस में वितरित प्रेस मैटर (वक्फ जामिया हिदायत) के हवाले से उन्होंने बताया कि डॉ किरोडी लाल मीणा द्वारा भारतीय जनता पार्टी राजस्थान जयपुर के कार्यालय दिनांक 30.09.2024 में प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर वक्फ संशोधित बिल 2024 से सम्बन्धित बिना किसी ठोस सबूत व दस्तावेज के आधार पर All India Muslim Personal Law Board के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद फजलू र्रहीम के विरूद्ध आधारहीन आरोप लगाये है जिसके संबंध में बिंदूवार स्पष्टीकरण मीडिया के सामने प्रस्तुत किया जिसे हम प्रकाशित कर रहे हैं :
डॉ. किरोडी लाल मीणा का आरोप की फजलू र्रहीम, उनकी बेटी समरा सुल्ताना, दामाद मोहम्मद शोएब कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी है और कांग्रेस पार्टी के इशारों पर देश का माहौल बिगाडने पर उतारू है। यह आरोप बेबुनियाद हैं।
जामिया हिदायत का वक्फनामा दिनांक 11.12.1972 को सेटलर स्वर्गीय मोहम्मद अब्दुर रहीम द्वारा बनाया गया था जो कि वक्फ बोर्ड में पंजीयन क्रमाक 600 दिनांक 16.03.1974 को पंजीबद्ध हुआ था। मौलाना मोहम्मद फजलूर्रहीम उक्त समय से ही वक्फ जामिया हिदायत के फाउन्डर मुतवल्ली है।
जामिया हिदायत कि अधिकतम सम्पत्तियां मोहम्मद फजलू र्रहीम द्वारा रजिस्ट्रर्ड विक्रय पत्रों के जरिये क्रय की गई है। वक्फ सम्पक्तियों को वक्फ में धारा 26(37) वक्फ अधिनियम 1995 के अन्तर्गत पंजीबद्ध कराया गया है। मोहम्मद फजलू र्रहीम द्वारा कभी भी, किसी भी वक्फ सम्पत्ति के बाबत् ना तो कोई विक्रय पत्र और ना ही कोई इकरारनामा निष्पादित किया है।
मोहम्मद फजलू र्रहीम द्वारा समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी की है कि कोई भी जामिया हिदायत की वक्फ सम्पत्ति की खरीद फरोख्त नहीं करे। यह कि जियाउर्रहीम, नदीम रहीम, फहद रहीम, रिजवान खान, शकील खान एवं कुछ अन्य व्यक्ति जामिया हिदायत की वक्फ सम्पत्ति पर अतिक्रमण कर रहे है तथा फर्जी तरीके से इकरारनामें निष्पादित कर बेचने का प्रयास कर रहें जिसके विरूद्ध मोहम्मद फजलू र्रहीम ने पुलिस थाना जयसिंहपुरा खोर में निम्नलिखित प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0376/2024, 0197/2024, 079/2023 एवं 275560672201099 दर्ज करवायी हैं। प्रतिलिपी संलग्न।
मन्दिर माफी जमीनों बाबत आरोप
किरोडी लाल मीणा का आरोप है कि मोहम्मद फजलू र्रहीम द्वारा मन्दिर माफी की 1400 बीधा जमीनों पर अवैध कब्जा कर रखा है, आरोप बेबुनियाद है।मोहम्मद फजलूर्रहीम द्वारा लगभग 20-25 बीधा जमीन मानपुर सडवा में राज्य सरकार द्वारा मेन्टेन की जाने वाली जमाबन्दी में रिकोर्डेड खातेदार के रूप में दर्शाये गये व्यक्तियों से रजिस्ट्रर्ड विक्रय पत्र द्वारा क्रय की गई हैं। उसके बाद सक्षम अधिकारी द्वारा रेवेन्यू रिकोर्ड में जामिया हिदायत का नाम नामान्तरण द्वारा दर्ज किया गया है। उक्त सम्पत्ति मन्दिर माफी की सम्पत्ति नही है ।
The Rajasthan Land Reforms and Resumption of Jagirs Act,1952 के बाद भूमि पर काबिज काश्तकार को खातेदारी अधिकार प्राप्त हो गये थे और उन्हे पूर्णतया मालिक घोषित कर दिया गया था इस प्रकार जमाबन्दी में उनके नाम काश्तकार के तौर पर दर्ज किये गये थे और उन्हे भूमि बेचने का अधिकार था। यहां उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत Reference Court of Additional Collector no. 2 Jaipur की अदालत में विचाराधीन है। जिसके बाबत कोई अधिक टिप्पणी करना वांछनीय नही है।
लालवास व आमेर तहसील में 1400 बीधा जमीन तत्कालीन महाराजा जयपुर की सम्पत्ति थी। उक्तसम्पत्ति में से 152 बीधा जमीन उनके पट्टा होल्डर द्वारा जामिया हिदायत को विक्रय की गई थी।
उक्त 1400 बीधा जमीन राज्य सरकार द्वारा गैर कानूनी तरीके से जून 1990 को सेन्ट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) ओर राजस्थान पुलिस विभाग को गैर कानूनी तरीके से ट्रान्सफर कर दी गई थी।
राजस्थान उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने स्पेशल अपील रिट नंबर 500/2009 में अपने निर्णय दिनांक 11.01.2010 के द्वारा जामिया हिदायत के पक्ष में फैसला दिया और 152 बीधा जमीन पर जामिया हिदायत का स्वामित्व माना।
राज्य सरकार व सेन्ट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) द्वारा उक्त निर्णय के विरु़द्ध उच्चतम न्यायालय में SLP की गई है, जो कि वर्तमान में लम्बित है। उच्चतम न्यायालय ने विवादग्रस्त भूमि पर यथास्थिति बनाये रखने के अंतरिम आदेश पारित किये हैं।
उच्चतम न्यायालय के अन्तरिम आदेश की पालना में हनी डयू रेंज की कुल 1400 बीघा भूमि में से जामिया हिदायत द्वारा क्रय की गई भूमि 152 बीधा पर कोई भी निमार्ण कार्य नही कराया गया है। आज भी उक्त भूमि ओपन लैंड है।
विडियो
किरोडी लाल मीणा द्वारा प्रेस कान्फ्रेंस में एक विडियो प्रस्तुत किया था जिसमें उन्होनें आरोप लगाया था कि मोहम्मद फजलूर्रहीम मुसलमानों को भडका रहे है,आरोप बेबुनियाद है। दरअसल विडियो में जिया उर रहीम स्टेटमेंन्ट दे रहे है ।
नया पाकिस्तान
किरोडी लाल मीणा का कथन कि एक नया पाकिस्तान जयपुर के सडवा मोड पर बसा दिया है, कथन अशोभनीय व देश विरोधी है। हाल ही में माननीय उच्चतम न्यायालय के पांच जजों की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के जज द्वारा इसी प्रकार का टिप्पणी की निदा करते हुए यह कहा था कि भारत के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान बताना अनुचित और देश की क्षेत्रीय अखण्डता के खिलाफ है।
FCRA (Foreign Contribution Regulation Act)
मंत्री किरोडी लाल मीणा का कथन कि विदेशों से 1000 करोड का सालाना चन्दा आता है,आरोप बेबुनियाद है। वास्तव में विदेश से कोई भी चन्दा आता है तो उसका भारत सरकार के गृह विभाग के FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) में रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होता है तथा विदेश से आई समस्त राशि का अकाउन्ट Home Ministry में दिया जाता है। जामिया हिदायत और मौलाना अब्दुल रहीम एजुकेशनल ट्रस्ट Home Ministry में FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) में रजिस्टर्ड संस्था थी और जब भी पूर्व में विदेश से चन्दा आता था तो उसका विस्तृत विवरण Home Ministry में प्रस्तुत किया जाता था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले 4 वर्षो में विदेश से किसी भी प्रकार का कोई चन्दा प्राप्त नही हुआ है।
मूसा फाउंडेशन निर्मित तो किया गया था लेकिन उसे Active नहीं किया गया था और उसमें किसी भी प्रकार का कोई विदेशी चन्दा प्राप्त नही हुआ था ।
मुम्बई स्थित आदिवासियों की जमीन बेचने का आरोप झूठे व बेबुनियाद है। हमारा आदिवासियों की सम्पत्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है।
किरोडी लाल मीणा का आरोप की मोहम्मद फजलूर्रहीम मुसलमानो को भडका रहे है तथा उन्हें हिंसा पर ऊतारु कर रहे हैं, बेबुनियाद आरोप है । फजलू र्रहीम ने इस दृष्टि से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्किर्जुन खडगे, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मन्त्री सलमान खुर्शीद, NCP के शरद पवार तमिलनाडु के सी. एम. स्टालिन सहित अनेक लोगो से मिलकर नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है तथा इनके द्वारा देश भर में Q. R. कोड के माध्यम से आम मुस्लमानों को भडकाया जा रहा है” आरोप झूठे व बेबुनियाद है।
मौहम्मद फजलू र्रहीम All India Muslim Personal Law के जनरल सेक्रेटरी की हैसियत से देश के विभिन्न नेताओं से वक्फ संशोधित बिल के objectionable provisions के बारे में update करने के सिलसिले में मिले है उसमें किसी प्रकार से भडकानें का कोई कार्य नही किया है। JPC के चैयरमेन जगदम्बीका पाल भी मोहम्मद फजलूर्रहीम को वक्फ संशोधित बिल के सम्बन्ध में विचार विमर्श हेतु आमंत्रित किया था तथा दिनांक 23.08.2024 व 19.09.2024 को मोहम्मद फजलूर्रहीम से मुलाकात कर उनसे वक्फ संशोधित बिल के सम्बन्ध में सुझाव प्राप्त किये। यहां यह उल्लेखनीय है कि JPC के चैयरमेन जगदम्बीका पालठ BJP के सांसद है, इसलिए यह नही कहा जा सकता है कि यह अभियान मोदी जी के खिलाफ चलाया जा रहा है।
उक्त आधारों से यह स्पष्ट है कि किरोडी लाल मीणा द्वारा लगाये गये सभी आरोप असत्य व बेबुनियाद है तथा राजनैतिक दुर्भावना से प्रेरित हैं।