गांव खिजुरिया तिवाड़ियान में बालिकाओं ने संभाली पंचायत की कमान

सुनील जैन की रिपोर्ट 

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जयपुर। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में ब्लॉक तूंगा के निकट स्थित गांव खिजुरिया तिवाड़ियान के पंचायत भवन में अलग ही नजारा था। यहां चल रही ग्राम पंचायत की विशेष सभा में सरपंच कमली देवी मीना तो मौजूद थी लेकिन उनकी जगह जिम्मेदारी निभाई गांव की बालिकाओं ने। सरपंच की मौजूदगी में बालिकाओं ने ही विभिन्न प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया और पंच की भूमिका भी बालिकाओं ने ही निभाई। उन्होंने प्रस्ताव भी रखे और प्रस्तावों पर चर्चा की। यह विशेष आयोजन धारा संस्थान एवं बॉश इंडिया फाउंडेशन  के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

इस आयोजन में कुछ समय के लिए बालिकाओं को पंच और सरपंच का दायित्व देने का उद्देश्य महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला सुपरवाइजर गीता सोलंकी  ने कहा कि बालिकाओं को जन्म लेने से रोका नहीं जाना चाहिए बल्कि उनका स्वागत किया जाना चाहिए। उनके लाभ के लिए बनी योजनाओं की जानकारी उन तक पहुंचनी चाहिए। बेटियों के लिए इस तरह के शानदार आयोजन के लिए धारा संस्थान एवं बॉश इंडिया फाउंडेशन धन्यवाद की पात्र हैं। इससे पूर्व पंचायत की विशेष बैठक में आरती कंवर सरपंच के रूप में उपस्थित हुई। उन्होंने कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए पंचों से प्रस्ताव मांगे। इस पर पंच की भूमिका में बैठी बालिकाओं ने अपने इलाकों के मुद्दे उठाए। उन्होंने इलाके में सुरक्षित जल सहित कई मुद्दे उठाए। स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर बैठक के दौरान पीलिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल अधिकारी डॉ. कमलेश मीना ने बालिकाओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि चिकित्सा विभाग ने शुभलक्ष्मी योजना, ज्योति योजना सहित कई योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने स्वच्छता अपनाने तथा बालिकाओं से स्वच्छता पर ध्यान देने का आह्वान किया।

इन्होंने निभाईं भूमिकाएं

बैठक के दौरान सरपंच बनी आरती कंवर और प्रियंका मीना , पूजा कंवर , पूजा सैनी, प्रिया मीना , अक्षिता कंवर, लक्ष्मी कंवर, और शीतल ने वार्ड पंचों की भूमिका निभाई।