न्यायिक प्रक्रिया में उलझी जल जीवन मिशन योजना का इंतजार

शैलेश माथुर 

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सांभरझील। प्रदेश सरकार जनता की भलाई के लिए अनेक योजनाओं को प्रारंभ कर लोगों तक जुड़ना चाहती है लेकिन धरातल पर काम करने वाला विभाग ही अगर ढीला हो तो फिर मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है। हर घर स्वच्छ जल पहुंचाने के मकसद से शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना आज भी पूरी तरह से गांव में साकार नहीं हो पाई है, जिसके कारण ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई जगह पर जलाशय अधूरी स्थिति में खड़े है और जहां टंकियां बनकर तैयार हो गई हैं, वहां पंप नहीं लगे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही नज़ारा गुढ़ासाल्ट और जाबदीनगर की टंकीयों का है। इसी वर्ष यह योजना पूरी होनी थी लेकिन आज तक क्रियान्विति नहीं हो सकी है। 

यहां पर जल जीवन मिशन का हाल बेहाल है। कई ग्राम पंचायतों में समय-सीमा में कार्य ही पूरे नहीं होना बताया जा रहा हैं। जिस योजना को साकार करने में सरकार का लाखों रुपए खर्च होना बताया जा रहा है वह महज प्रशासनिक लापरवाही की चलते पूरा नहीं होना माना जा रहा है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में टंकी का निर्माण कर हर घर में पाइपलाइन से नहर का शुद्ध पानी पहुंचाने की योजना 2020-21 में शुरू हुई। दो साल तक योजना पूरा करने में सुस्ती बरती गई और देखते ही देखते टेंडर व विभिन्न प्रक्रिया में आधा समय निकल गया। काम समय पर पूरा होने को लेकर संशय इसलिए भी है क्योंकि एक ठेकेदार के पास कई ग्राम पंचायतों का ठेका होना बताया जा रहा है। 

अधिकांश ग्राम पंचायतों में पाइपलाइने बिछाई गई है, लेकिन कहीं टंकी का निर्माण तो कहीं कनेक्शन नहीं हो सका है। इस वजह से केंद्र सरकार की योजना अधर में लटकती नजर आ रही है। संवेदक नेे बताया कि समय पर भुगतान व काम करने वाले श्रमिक नहीं मिलने के कारण अधिकांश काम नहीं हो सका। नावा तहसील में निर्माणाधीन जलाशय का निर्माण न्यायालय में विचाराधीन बताया जा रहा है। जेजेएम योजना के सहायक अभियंता बच्चू सिंह फौजदार बताते हैं कि यह सच है कि जलाशयों का मामला कोर्ट में है। अगस्त में बंद हो गया था। 24 टंकियो का प्रोजेक्ट है। एक साथ ही बंद हो गया था। लेकिन टेंडर व फाइनल मेजरमेंट की कारवाई चल रही है। वर्क आर्डर होने के बाद दूसरी फर्म से जल्द कार्य शुरू करवांएगे।