मध्यप्रदेश की पहली महिला पब्लिक रिलेशन संस्थापक की प्रेरक यात्रा

 कुछ पाने के लिए... कुछ करना पड़ता है     

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इंदौर। कहते हैं कि सफलता उन्हीं का साथ देती है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए न केवल कड़ी मेहनत करते हैं, बल्कि हर चुनौती का डटकर सामना करते हैं। ऐसा ही एक प्रेरक उदाहरण हैं मध्यप्रदेश की पहली महिला पब्लिक रिलेशन प्रोफेशनल और रेप्युटेशनक्राफ्टर्स की संस्थापक, शीला रजक। उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता और उत्कृष्ट सेवाओं से न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्लाइंट्स का विश्वास जीतते हुए एक नई मिसाल पेश की है।

सपनों से हकीकत तक का सफर

यह कहानी है उस महिला की, जिसने अपनी मेहनत, लगन और काबिलियत से पब्लिक रिलेशन की दुनिया में अपनी खास पहचान बनाई। मध्यप्रदेश जैसी जगह से जहां महिलाओं के लिए व्यवसाय के क्षेत्र में कम अवसर थे, वहां से एक सफल पीआर एजेंसी की स्थापना करना आसान नहीं था। लेकिन उनकी सोच और जज्बा बाकी सबसे अलग था।उन्होंने यह समझा कि पब्लिक रिलेशन केवल प्रचार का माध्यम नहीं है, बल्कि यह कंपनियों और व्यक्तियों की छवि बनाने और उनके संदेश को सही लोगों तक पहुंचाने का एक सशक्त तरीका है। इसी सोच के साथ उन्होंने कदम बढ़ाए और आज वे न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को सेवाएं दे रही हैं।

पुरस्कार और पहचान

नारी शक्ति सम्मान अवार्ड:महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान के लिए।

सिलिकॉन इंडिया पुरस्कार:उद्यमिता में उत्कृष्टता के लिए।

मोस्ट प्रॉमिसिंग लीडर्स 2024 सम्मान:नेतृत्व में उनकी प्रेरक भूमिका के लिए।

ये पुरस्कार उनके दृढ़ संकल्प और उनके द्वारा स्थापित उच्च मानकों की गवाही देते हैं।

मध्यप्रदेश का गौरव

मध्यप्रदेश से पहली महिला पीआर संस्थापक बनना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उनके प्रयासों ने राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर गौरव दिलाया है। उन्होंने यह साबित किया है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने देखे और पूरे किए जा सकते हैं।उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। यह दर्शाता है कि कुछ पाने के लिए कुछ करना पड़ता है। कठिन परिश्रम, सही दृष्टिकोण और आत्मविश्वास के साथ कोई भी सफलता हासिल कर सकता है।

महिला सशक्तिकरण की मिसाल

उनकी सफलता केवल उनका निजी गौरव नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है। अपने सफर में उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन वे कभी पीछे नहीं हटीं। उनके योगदान को नारी शक्ति सम्मान अवार्ड से नवाजा गया, जो महिलाओं की ताकत और काबिलियत को पहचानने का प्रतीक है।

यह यात्रा केवल एक महिला उद्यमी की नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, संघर्ष और सफलता की कहानी है। उन्होंने न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि यह साबित किया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उनका सफर हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है और हमें यह सिखाता है कि अगर सपने बड़े हैं, तो मेहनत भी बड़ी करनी होगी। उनकी सफलता हम सभी के लिए प्रेरणा है कि कुछ पाने के लिए, सचमुच कुछ करना पड़ता है।