बढ़ता शहरीकरण बेहद घातक

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असंख्य जंगलों व पेड़ों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है अब चारों ओर बड़ी-बड़ी इमारते नजर आती है। पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है पेड़ कट जाने से वातावरण में ऑक्सीजन की कमी हो गई है कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है। हर घर में अस्थमा एलर्जी से पीड़ित मरीज हैं। गांव में किसान अपनी भूमि बेचने को विवश है इसका कारण है ऋतुओं का चक्र बदलना है। अनावृष्टि अतिवृष्टि के कारण फसले खराब हो जाती है, सरकार को अपने नियम कायदे बदलने होंगे। जंगलों व पेड़ों को बचना होगा। विकास के नाम पर विनाश को आमंत्रित नहीं करें। अगर जंगल व पेड़ों को नहीं बचाया गया तो विनाशकारी परिणाम भुगतने होंगे। 

लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।