देश के 18वीं लोकसभा का गठन 9 जून 2024 को हुआ। विगत 6 महीनो में संसद मैं देश हित और जनहित के मुद्दों पर कोई सार्थक बहस नहीं हुई आखिरकार विपक्ष चाहता क्या है? हर संसद सत्र में अनावश्यक हंगामा बहस व शोर शराबा होता रहता है। इतने उच्च पद पर विराजमान यह सभी सांसद संसद में इतनी घटिया हरकतें करते हैं एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप चलते रहते हैं और भाषा इतनी ओछी होती है कि जनता तक को शर्म आती है। ऐसे गरिमामय पद पर विराजमान होने के बावजूद ऐसी घटिया हरकतें करते हुए इन्हे जरा भी शर्म नहीं आती। संसद सत्र जब चलता है तो लाखों रुपए लगते हैं ऐसे नेताओं की वजह से पैसा बर्बाद हो जाता हैं, समय व्यर्थ होता है। पर इन लोगों को कोई मतलब नहीं है 1 मिनट की कार्रवाई पर भी देश का लाखों रुपए खर्च हो जाता है।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़, (राजस्थान)।