लॉकडाउन में कोरोना की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई करवाई गई थी। लेकिन आज भी निजी विद्यालय विद्यार्थियों को ऑनलाइन होमवर्क दे रहे हैं। मोबाइल पर होमवर्क देने से बच्चों में मोबाइल की लत पड़ जाती है उनकी मानसिक एकाग्रता खत्म हो जाती है। पढ़ाई की आड़ में वे सोशल मीडिया पर उपलब्ध अश्लील सामग्री देखते हैं। ग्रुप में चैटिंग करते रहते हैं। अभिभावकों को मजबूरी से पढ़ाई के कारण स्मार्टफोन देना ही पड़ता हैं। हर वक्त बच्चों कीे निगरानी भी नहीं की जा सकती। मोबाइल स्क्रीन पर पढ़ने की वजह से आंखों को भी नुकसान पहुंचता है। कुछ देशों में तो कानून भी बनाए जा रहे हैं कि किस उम्र तक के बच्चों को मोबाइल नहीं दिया जाए। कक्षा में होमवर्क देने से शिक्षकों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जबकि सरकारी स्कूलों में आज भी ऑफलाइन कक्षाओं में ही होमवर्क दिया जाता है।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)