शिल्पकारों और डिज़ाइनरों का अनूठा संगम
चन्द्र शेखर शर्मा चन्द्रेश की रिपोर्ट
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जयपुर। पिंकसिटी के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में विश्व शिल्प परिषद की ओर से तीन दिवसीय 39वां क्षेत्रीय सम्मेलन और कला तथा शिल्प उत्सव का आयोजन शुरू हुआ। इसका प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने उत्सव और सम्मलेन का दीप प्रज्जवलन कर उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राज्यों की ओर से लगाई गई स्टाल्स का भी अवलोकन किया। यह आयोजन जयपुर को एक वैश्विक शिल्प गंतव्य के रूप में और भी मजबूती प्रदान करेगा। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में शिल्प के भविष्य, सतत विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चर्चाओं से शिल्प कला को नए आयाम मिलने की संभावना प्रबल हैं। यह सम्मेलन हर चार वर्षों में आयोजित होता है। इसमें 30 से अधिक देशों के 100 से अधिक विशेषज्ञों, 40-45 प्रमुख हस्तियों और विश्व स्तर के शिल्प विशेषज्ञों की भागीदारी इस कार्यक्रम को एक असाधारण समागम बनाने का अनोखा, अनुपम उदाहरण है। इस कार्यक्रम को राजस्थान पर्यटन, राजस्थान सरकार, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), विकास आयुक्त (हथकरघा), वस्त्र मंत्रालय, नीला हाउस, शिल्प परिषद भारत और अन्य प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। WCC APR के अध्यक्ष अजीज मुरतजाएव (उज्बेकिस्तान) ने कहा, “यह सम्मेलन हमारे समृद्ध शिल्प धरोहर का उत्सव है। यह शिल्पकारों और डिज़ाइनरों को संवाद, सहयोग और उज्जवल भविष्य के लिए प्रेरित करता है।” यह संगोष्ठी शिल्पों के संरक्षण और विकास के नए रास्ते खोजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। कार्यक्रम को मंजरी नरुला (सलाहकार), पूर्व डीन और प्रोफेसर एन आई एफ टी डॉ वंदना भंडारी तथा जयपुर के कलाकार आयुष कासलीवाल ने भी इस कला मंच को अपने अनुभव से समरद्ध कर प्राचीन और अर्वाचिन कला पर सापेक्ष विचार रखे।