गुमनाम नदी से अनजान युवा चिंता का विषय : मीणा

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नारायणपुर। उपखण्ड के अलवर रोड पर स्थित श्रीमती हेमलता मेमोरियल गर्ल्स पीजी महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं के साथ पानी, पेड़, पर्यावरण संरक्षण को लेकर एलपीएस विकास संस्थान द्वारा संचालित जीवन जतन यात्रा के तहत आयोजित कार्यशाला में  संस्थान के पर्यावरणविद राम भरोस मीणा ने पर्यावरण संरक्षण ओर आज की आवश्यकता पर चर्चा की, जिसमें छात्राओं ने बखूबी उत्साह दिखाया, लेकिन जब नदियों की बात आई तो पता चला की उन्होने नारायणपुर वाली नदी को नदी स्वरूप में नहीं देखा, केवल गंदे नाले के रूप में देखा है जो एक चिंता का विषय है। 

कार्यक्रम के दौरान राम भरोस मीणा ने बताया की जों नदी 1965, 1971, 1984 में नारायणपुर में तबाही मचाई वह 2004 में अंतिम बार बहीं, लेकिन इस महान नदी को समाज की हठधर्मिता सरकार की उपेक्षा के चलते आज अपना अस्तित्व खोने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसी का परिणाम है कि युवा पीढ़ी इसे नदी रुप में नहीं देख सकी, हमें नदियों को बचाने का प्रयास जारी रखना चाहिए ऐ हमारी जिवन दायिनी है। 

नारायणपुर में पर्यावरण को लेकर कार्य कर रहे श्रीकृष्णा शिक्षा एवं ग्रामीण विकास समिति के सचिव सुनील कुमार शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते बताया की धरती पर विद्यमान पानी में तीन प्रतिशत पानी हमारे उपयोग के लिए है, लेकिन हम मात्र एक प्रतिशत पानी का उपयोग कर पाते हैं और उस पानी को संग्रहित करने के लिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए जिससे मीठे जल की पूर्ति होती रहें। कांलेज प्राचार्य सुनीता यादव ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर अनिल कुमार स्वामी, अशोक यादव, संदीप स्वामी, प्रहलाद सैनी, नीतू यादव, राजेश सेनी, उमेश लाटा, विजेन्द्र पांचाल, मुकेश शर्मा सहित 400 छात्राओं ने भाग लिया।