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टोंक। सयुक्त राष्ट्र ने विश्व ध्यान दिवस घोषित किया है, इसी के उपलक्ष में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की शाखा टोंक द्वारा स्थानीय सेवा केंद्र राजयोग भवन में विशेष ध्यान अनुभूति कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें स्थानीय सेवा केंद्र से जुड़े भाई बहन व शहरवासी सवेरे से ही ध्यान साधना का अभ्यास कर गहन शांति की अनुभूति की।
वहीं स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अपर्णा दीदी ने बताया की ध्यान एक अन्तर जगत की यात्रा है। स्वयं की वास्तविक पहचान हम ध्यान साधना द्वारा ही कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में ध्यान को ही राजयोग कहा जाता है, जिसका अभ्यास हम सभी नियमित रूप से करते हैं। वास्तव में राजयोग (ध्यान) स्वयं को उस परमशक्ति से जोड़ने का माध्यम है अर्थात आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का सहज मार्ग है जिससे न केवल हमारा मन शांत होता है बल्कि मन का सशक्तिकरण होता है जिससे हमारी आत्मिक शक्तियां बढ़ती है बुद्धि विकसित होती हैं और श्रेष्ठ संस्कारों का निर्माण होता है।वर्तमान समय हर कोई तनाव, भय जैसी मानसिक बीमारियों से जूझ रहा है ऐसे में यदि वह राजयोग का नियमित अभ्यास करें तो सहज ही इन सब मनोविकारों से छुटकारा पा सकता है और एक सुखमय जीवन का आनंद ले सकता है।
वहीं उन्होंने बताया कि राजयोग (ध्यान) का अभ्यास कोई भी किसी भी समय कर सकता है अर्थात इसमें किसी भी प्रकार की धार्मिक अथवा सामाजिक बाध्यता नहीं है।ब्रह्माकुमारीज़ के बनेठा सेवा केंद्र पर भी ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी ने स्थानीय ने लोगों को राजयोग का अभ्यास करवाया।