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कभी हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था। प्राकृतिक भू-संपदा का धनी देश था परंतु आजादी के बाद भौतिकवाद की चमक में देश काले धन के अंधकार में डूब गया।
हमारे देश के नेताओं ने अपनी ही देश की गरीब जनता को लूट कर पैसा विदेशी बैंकों में जमा करना शुरू कर दिया। जब तक विपक्ष के शीर्ष नेता का पैसा स्विस बैंकों में जमा है तो काला धन वापस लाने की बात करना बेमानी है। सत्ता सीन सरकार के अथक प्रयासों के बाद भी काला धन आने की तो बात तो दूर विदेशी खातों में पैसा जमा होता जा रहा है। अगर विदेश में जमा काला धन वापस लाया जाए तो हमारी अर्थव्यवस्था और भी उच्च स्तरीय हो सकती है। इससे सबको रोटी कपड़ा मकान भी उपलब्ध हो सकता है।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़, (राजस्थान)