इरादे रोज बनकर टूट जाते है, अजमेर में वही जाते है जिन्हें ख़्वाजा बुलाते हैं
जाफ़र लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। खिदमत ए बुजुर्गानेद्दीन की सौच रखने वाले हाजी मासूम अली शाह सदर ख़लीफ़ा गद्दीनशीन धुना चौक दरगाह कलन्दर पानीपत ने कहा कि "निगाहें वली में वो तासीर देखी बदलती हुई रोज हजारों की तक़दीर देखी"! यह शब्द हाजी मासूम अली शाह ने एक विशेष भेंट के दौरान में कहे।
उन्होंने कहा कि "इरादे रोज बनकर टूट जाते है, अजमेर में वही जाते है जिन्हें ख़्वाजा बुलाते हैं"। उल्लेखनीय हैं हजरत बु अली शाह कलन्दर रहमतुल्ला आलेह से अजमेर में स्तिथ हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक हजरत ख़्वाजा गरीब नवाज़ मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह आलेह के आस्ताने पर अपने देशवासियों के लिए दरपन व अमन चैन की दुआ करने के लिए पानीपत से दिल्ली जयपुर होते हुए पैदल यात्रा अजमेर जा रही हैं।