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जयपुर। भट्टा बस्ती शास्त्री नगर स्थित अनेक निजी शैक्षणिक संस्थाओं में स्थानीय नागरिक अपने होनहारों को पढाई हेतु भेजते हैं, लेकिन एक तबका ऐसा है जो अपने होनहार बच्चों को सरकारी स्कूल्स में अध्ययन हेतु भेजता हैं। ऐसा माना जाता है कि हर माँ-बाप का ख्वाब बच्चों की बेहतरी के लिए बेहतरीन शिक्षा दिलाना होता है। इस क्रम में सरकार द्वारा अनेक शालाएं, विद्यालय एवं कॉलेज खोले गए हैं।
ऐसा ही भट्टा बस्ती थाने के सामने वाले इलाके में एक ही स्थान पर पांच स्कूल सरकार द्वारा संचालित हो रहे हैं। जिनमें राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भट्टा बस्ती, शास्त्री नगर, जयपुर, महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय, राजीव नगर, भट्टा बस्ती, शास्त्री नगर, जयपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय संजय नगर, भट्टा बस्ती, जयपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय संजय नगर, कच्ची बस्ती, जयपुर एवं राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय शामिल हैं। जहाँ ना बच्चों के बैठने का माकूल इंतजाम है, ना उनके लिए पानी-पेशाब या अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। बच्चे संस्कृत पढ़ने के लिए अपनी कक्षाओं में बिना किसी दरी पट्टी या बिना फर्नीचर के बैठते है। सर्दी का मौसम और मासूम बच्चे फर्श पर बैठ कर बिना किसी सरकारी ड्रेस के रंग बिरंगी पोशाकों में देखे जा सकते हैं। जहाँ बेहद गंदगी चारों ओर जमा है।
हजारों से लाखों रुपया जिनको तनख्वाह दी जाती है वे शिक्षक यहाँ बच्चों को सरकारी सिलेबस के अनुसार अध्ययन कराते हैं, माना जाता है बेहतर शिक्षक एवं बेहतरीन शिक्षा के इदारे हैं सरकारी स्कूल, लेकिन यहाँ ऐसा कुछ नज़र नहीं आता। जहाँ बच्चे पढ़ने आते है वहां ना कोई पिओन, चपरासी एवं चौकीदार तक नहीं। बच्चों के पिने के लिए स्वच्छ पेयजल नहीं, बच्चे बोरिंग की टूटी लाइन से पानी पीते एवं सड़ाध से भरे शौचालय में जबरदस्ती नाक बंद कर शौच के लिए जाते देखे जा सकते हैं। यही नहीं अध्यापक एवं अध्यापिकाओं के लिए भी ये सुविधाएं साफ सुथरी नहीं हैं।
एक स्थानीय जागरूक नागरिक बशीर मोहम्मद देसवाली, हवामहल मंडल उपाध्यक्ष ने यहाँ के हालात दिखाते हुए कहा कि यहाँ पानी पिने की टंकी है लेकिन आप देखिये जिसमें पानी तो दूर टंकी में कनेक्शन तक नहीं है। टूटी फूटी पड़ी पानी की व्यवस्था देख कर लगता है यहाँ बरसो से यह ख़राब पड़ी है।
यहाँ के स्कूल भवन निर्माणाधीन हैं जिनका निर्माण धीमी गति से चल रहा है। यहाँ तत्कालीन विधायक, मंत्री महेश जोशी द्वारा लोकार्पित पट्ट जरूर देखे जा सकते हैं। जब महेश जोशी क्षेत्रीय विधायक थे तब उन्होंने अनेक कार्य करवाए एवं एक स्कूल भवन बन कर तैयार है लेकिन उसमें पूर्व स्कूल के बच्चों को भेजा जाये या उसको नवीन स्कूल बनाकर खोला जाये, इसका इंतजार क्षेत्रवासी बड़ी बेसब्री से कर रहे हैं।
बच्चों के लिए फर्स्ट एड बॉक्स का मेडिकल इमरजेंसी जैसी कोई चीज देखने को नहीं मिली। अचानक बच्चों में कोई घटना घट जाये तो उनको अस्पताल या डॉक्टर तक ले जाने के पहले कैसे इलाज दिया जाय।
इस कैम्पस में कुल मिलाकर करीबन हजारों बच्चे स्कूलों में नामांकित हैं जो यहाँ अध्ययन कर रहे हैं। यह जानकारी शाला कैम्पस में राजीव नगर स्कूल के aao संदीप शर्मा ने देते हुए बताया कि सब कुछ आपके सामने हैं। हम लोग समय पर अपनी ड्यूटी देते हैं और स्टूडेंट्स के लिए अच्छे से अच्छा करना चाहते हैं। लेकिन यहाँ चतुर्थ श्रेणी से लेकर अन्य कर्मचारियों की कमी की वजह से गन्दगी व अव्यवस्था नज़र आ रही है।