समर्पण की भावना सीखा रही अंबेडकर चेतना समिति
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
www.daylife.page
सांभरझील। सामाजिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कार्यों को अंजाम देकर लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनती जा रही है यहां की डॉ. भीमराव अंबेडकर चेतना समिति। समिति ने विगत कुछ वर्षों में जन हितार्थ मुद्दों को उठाकर लोगों को जागृत करने का काम किया, वहीं दूसरी तरफ समाज के विभिन्न तबको से जुड़े होनहारों को भी आगे लाने का काम कर उनकी हौसला अफजाई कर उनको एक नई पहचान दिलाने में सक्रिय भूमिका अदा की। समिति की तरफ से समय-समय पर सामान्य कानूनों की जानकारी देकर भी लोगों में चेतना लाने का काम कर समर्पण की भावना जगाई।
जरूरतमंद लोगों के लिए सेवा की भावना रखकर काम कर रही समिति अब शिक्षा के क्षेत्र में भी उन युवा पीढ़ी को आगे लाने का काम कर रही है जो किसी अपरिहार्य कारणों से पिछड़ रहे हैं। समिति में युवा से लेकर बुजुर्ग शिक्षित वर्ग का एक बड़ा तबका शिक्षा की अलख जगाने का काम कर रहा है। महिलाओं के लिए भी लगातार उत्थान को लेकर चिंतित समिति ने अब इस दिशा में नई पहल शुरू कर दी है। यहां अंबेडकर भवन में समिति की तरफ से महिलाओं के सर्वांगिण विकास हेतु उठाये गए सराहनीय कार्यों को गति प्रदान करते 05 जनवरी से प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से शाम 5:30 बजे तक नि:शुल्क पुस्तकालय प्रारंभ कर दिया है। प्रमुख उद्देश्य महिलाओं में शिक्षा का प्रसार कर सामाजिक उत्थान करना है।
यहां आने वाली महिलाओं को पढ़ने के लिए अब पुस्तकालय में फ्री वाई-फाई, बैठने की उत्तम व्यवस्था, शांत वातावरण, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था एवं अत्याधुनिक सुविधाएं भी मुहैया कराई गई है हैं। यहां अध्ययन करने वालों के लिए कोई उम्र का प्रतिबंध है, न ही किसी जाति, धर्म का बंधन। खास बात यह भी है कि यहां का शांत वातावरण और अनुकूल माहौल प्रतियोगी व विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रही उन युवतियों के लिए सुनहरा अवसर भी साबित होगा जो अपने सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। समिति के अध्यक्ष विनोद दुलारिया बताते हैं कि यहां लंबे समय से राजकीय शाकंभर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य के पद से सेवानिवृत हुए कैप्टन डॉ. ज्ञान प्रकाश दायमा निशुल्क शिक्षण कार्य कर रहे हैं ।