व्यक्तिगत विकास और ख़ुशी के लिए आवश्यक हैं संतुलित जीवन : डॉ. दौलत राम माल्या
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जयपुर। “संतुलित जीवन व्यक्तिगत विकास और ख़ुशी के लिए आवश्यक है। आधुनिक जीवन में संतुलित जीवन के प्रति सजगता बहूत ज़रूरी है।परिवार , व्यवसाय,स्वास्थ्य और सामाजिक सम्बन्ध का प्रबंधन यदि ठीक हो तो जीवन अर्थपूर्ण ,सफल व सार्थक बन सकता है।” उक्त विचार समर्पण संस्था द्वारा नववर्ष पर आयोजित “संतुलित जीवन “ व्याख्यान व मीटिंग में मुख्य वक्ता संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डॉ. दौलत राम माल्या ने व्यक्त किये ।
डॉ. माल्या ने पीपीटी प्रजेंटेशन द्वारा संतुलित जीवन की व्याख्या करते हुए कहा कि “ ख़ुशी ख़रीदें नहीं बल्कि कमायें“ और ख़ुशी कमाने का एक ही तरीक़ा है कि जो दौलत हमारे पास है उसको कैसे ख़र्च करते हैं उस पर हमेशा नज़र रखें। पैसा कमाने में तनाव आ सकता है लेकिन अच्छे काम में ख़र्च करने पर ख़ुशी मिलती है। जब हम इस दुनिया से विदा लेते हैं तो हमारे बैंक खाते में जितना पैसा बचता है वह हमारा अतिरिक्त काम है । पैसे की असली ताक़त उसे दान करने में ही है।
उन्होंने कहा कि जीवन थर्मस की तरह है जो भरेंगे वैसा ही बाहर निकलेगा। प्रकृति के अपने शाश्वत नियम है और हमारा जीवन भी प्रकृति का हिस्सा है। जीवन भी एक नियम है। शाश्वत नियमों के उल्लंघन करने पर ही जीवन में परेशानियाँ व दुख आते हैं । सुख ,शांति व उत्साह से परिपूर्ण जीवन जीने के लिए आदर, सम्मान,आभार व ख़ुशी को दूसरों को बॉंटते रहे और अच्छाई, भलाई व करुणा से भरे रहें। इससे पूर्व व्याख्यान व मीटिंग की शुरुआत समर्पण प्रार्थना के साथ की गई जिसे सुश्री अंजली माल्या व सुवज्ञा माल्या ने उच्चारित करवाया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त IAS और समर्पण संस्था के पथ प्रदर्शक डॉ. बी.एल. जाटावत ने कहा कि ख़ुशी व आनंद हमारे भीतर का मनोविज्ञान है। अपने आप पर भरोसा रखें ।अपने आत्मविश्वास को मज़बूत बनाए रखें ।हमेशा सकारात्मक सोच रखें। संतुलित जीवन आधुनिक जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
इस अवसर पर आयोजित मीटिंग में वर्ष 2025 में संस्था द्वारा आयोजित किये जाने वाले वाले 11 कार्यक्रमों का तिथिवार कैलेंडर जारी किया गया जिसका विमोचन अतिथिगणो द्वारा किया गया।
मीटिंग में डॉ. माल्या ने संस्था की शीघ्र प्रकाशित होने वाली 6 वीं स्मारिका “उदारता“ की रूपरेखा बताई। अतिथियों ने स्मारिका के कवर पेज का विमोचन किया।
इस अवसर पर गायिका श्रीमती अपर्णा वाजपेयी व गीतकार रमेश बैरवा ने जीवन को नई दिशा देने वाले गीत प्रस्तुत किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता मोहन लाल बारुपाल ने कहा कि जब हम दूसरों के लिए जीवन जीते है तो दुनिया से विदा होने के बाद भी हमेशा याद किये जाते है।
इस अवसर पर विशेष आमंत्रित अतिथि ज्योति कुमार माहेश्वरी (वरिष्ठ समाजसेवी व चेयरमैन ,इस्कॉन मंदिर , जयपुर),प्रमोद चौरडिया जैन (प्रधान मुख्य संरक्षक, समर्पण संस्था व संस्थापक अध्यक्ष, मानव मिलन संस्थान), योगाचार्य योगी मनीष विजयवर्गीय (हॉलिस्टिक लाइफ कोच एवं काउंसलर व मुख्य सलाहकार, समर्पण संस्था) उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि डॉ. सतीश शर्मा ( निदेशक, ग्लोबल फ़ाउन्डेशन, जयपुर ), श्रीमती अपर्णा वाजपेयी (संस्थापक निदेशक, आस्थिका एन्टरटेनमेंट ), आर्किटेक्ट मयंक कुमार शर्मा ( Arbour consultant ), हरज्ञान सिंह ( राष्ट्रीय महासचिव, शराबबंदी आन्दोलन), राजेन्द्र कुमार बबेरवाल ( सेवानिवृत्त प्रबंधक, SBI), जगदीश रमन (वरिष्ठ समाजसेवी व पूर्व अध्यक्ष, सामाजिक चेतना विकास संस्थान ), एस. के. बंशीवाल ( सेवानिवृत्त यातायात निरीक्षक, उत्तर पश्चिम रेलवे ), सचिन जैन ( Secure Elevator), राकेश रेसवाल ( समाजसेवी ), संतोष मीरवाल (राष्ट्रीय संयोजक, वुमन पॉवर सोशलिस्ट फाउंडेशन ), सुनील कुमार चतुर्वेदी (ब्रांच हेड, राजस्थान सिम्फनी लिमिटेड), कमलेश बैरवा ( प्रोपराइटर, निरंकारी कन्स्ट्रक्शन्स ), रामजी लाल बैरवा ( सिविल कॉन्ट्रैक्टर ), श्रीमती किरण संधु (Former Director in School, USA ),कर्नल शिशुपाल सिंह पंवार ( अध्यक्ष, जेनेसिस रेज़िडेंट वेलफेयर सोसायटी ), श्रीमती प्रवीण सिंह राठौड़ ( उपाध्यक्ष, जेनेसिस रेज़िडेंट वेलफेयर सोसाइटी ), शंकर लाल बैरवा ( MDRT, USA भारतीय जीवन बीमा निगम ), रविन्द्र वर्मा ( रणजी क्रिकेट खिलाड़ी ) उपस्थित रहे ।इसके साथ ही अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। संस्था द्वारा व्याख्यान में उपस्थित सभी श्रोताओं को प्रमाण पत्र भी भेंट किए गये। मंच संचालन ऑल इंडिया रेडियो एंकर श्रीमती शिवाली गुप्ता ने किया ।