रामनवमी के लिए विशेष लेख
लेखिका : साध्वी प्रज्ञा भारती
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 3 अप्रैल 2023 को बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में थाई भाषा में राम कथा की मनमोहक प्रस्तुति देखी।
आइए जानते हैं
राम कथा के थाईलैंड में लोकप्रिय हुए रूप के बारे में।
थाईलैंड में रामायण को "राम कीर्ति" कहते हैं। दक्षिण पूर्व एशिया में रामकथा की पहुँच लगभग हर परिवार तक है। थाई देश में तो एक प्रकार की राम कथा की सरयू बहती है। वहां की वर्तमान राजधानी बैंकाक बनाए जाने के पहले राजकाज अजुध्या (अयोध्या) से चलता था।मरकत बुद्ध के मंदिर की दीर्घा में रामकथा के विभिन्न प्रसंगों के रंग बिरंगे चित्र अंकित हैं। ये कला कृतियां आज भी लाखों श्रद्धालुओं को रोमांचित कर देतीं हैं।
थाई देश में राम कथा के कई रूप प्रचलित हैं। इनमें एक रूप है भारतीय सन्यासी स्वामी सत्यानंद जी द्वारा रचित "राम कीर्ति" बैंकाक में एक सांस्कृतिक संस्था 'थाई भारत सांस्कृतिक भवन' (थाई भारत कल्चरल लांज) इस सम्बन्ध को और मजबूत बनाती है।
वर्ष 1969 में सस्ता साहित्य मंडल, कनाट प्लेस, नई दिल्ली ने' "राम कीर्ति" का पहला हिंदी अनुवाद प्रकाशित किया था। अनुवादक आर्य समाज के वरिष्ठ प्रचारक स्वर्गीय गंगा प्रसाद उपाध्याय जी थे। उन्होंने अंग्रेजी संस्करण से हिन्दी में अनुवाद किया था। हिन्दी अनुवाद श्री गंगाप्रसाद उपाध्याय के निधन के बाद प्रकाशित हो सका।
सस्ता साहित्य मंडल ने स्वर्गीय राजगोपालाचार्य की रचना 'दशरथ नंदन श्री राम' और स्वर्गीय विश्वम्भर सहाय प्रेमी की "राम कथा माला" की चौदह पुस्तकें तथा प्रसिद्ध इतिहासकार स्वर्गीय प्रोफेसर वासुदेव शरण अग्रवाल (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) की पुत्री की रचना 'बाल राम कथा' भी प्रकाशित की थी।
साध्वी प्रज्ञा भारती जी अन्तरराष्ट्रीय रामायण शोध पीठ, नोएडा (उत्तरप्रदेश) की संस्थापिका अध्यक्षा हैं। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)